अयोध्या, 22 नवंबर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अर्चक प्रशिक्षण योजना के तहत 20 वैदिक अर्चकों का चयन किया है। इन्हें ट्रस्ट की ओर से प्रशिक्षण देने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। अर्चक प्रशिक्षण के लिए 31 अक्तूबर तक आवेदन मांगे गए थे। कुल 3000 आवेदन आए थे। इनमें से 270 लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था। चयनित अर्चकों को प्रशिक्षण के दौरान रहने और खाने की व्यवस्था के साथ 2000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। श्री राम मंदिर में नियुक्ति से पहले चयनित अर्चकों को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान शीर्ष वैदिक आचार्य उन्हें रामानंदीय परंपरा के विधि-विधान की जानकारी देंगे।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि यह प्रशिक्षण अयोध्या में प्रशिक्षित अर्चकों को तैयार करने के लिए दिया जा रहा है। यह अर्चक राम मंदिर में पूजा के लिए नियुक्त किए जाएंगे, ऐसा जरूरी नहीं है। 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12.20 बजे पीएम नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए साकेत निलयम में रविवार को संघ परिवार की बैठक हुई। इसमें समारोह के अभियान को चार चरणों में बांटकर तैयारियों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। 22 जनवरी को तीसरे चरण में रखा गया है। उस दिन पूरे देश में उत्सव हो व घर-घर अनुष्ठान हों, ऐसा माहौल बनाया जाएगा। चौथे चरण में देशभर के भक्तों को रामलला के दर्शन कराने की योजना है। यह चरण गणतंत्र दिवस से शुरू होकर 22 फरवरी तक चलेगा। यह अभियान प्रांतवार चलाया जाएगा।
भगवान रामलला के अभिषेक समारोह को लेकर ट्रस्ट के चंपत राय ने कहा कि हम आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने आए थे. अयोध्या शहर है मुक्ति और मोक्ष की जो बहुत समय बाद अपने मूल स्वरूप में वापस आ रही है.